नामीबिया में सूखे का कहर: 700 से अधिक जानवरों की बलि से भुखमरी से निपटने की कोशिश

"नामीबिया में सूखा: भुखमरी से बचने के लिए 700+ जानवरों की बलि!"

"नामीबिया में सूखा: भुखमरी से बचने के लिए 700+ जानवरों की बलि!"

अफ्रीका का दक्षिणी हिस्सा अपने समृद्ध वन्यजीव और विविध भू-भाग के लिए जाना जाता है, लेकिन वर्तमान में नामीबिया इस क्षेत्र का सबसे भयानक सूखा झेल रहा है। इस सूखे ने देश के लगभग 84 प्रतिशत खाद्य भंडार को नष्ट कर दिया है, जिससे लगभग 2.5 मिलियन आबादी में से आधे से अधिक लोगों के सामने भुखमरी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। इस संकट से निपटने के लिए नामीबियाई सरकार ने एक कठिन निर्णय लिया है - अपने वन्यजीवों में से 700 से अधिक जानवरों की हत्या कर, उनकी मांस से अपने नागरिकों के लिए भोजन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।

700 से अधिक जानवरों को मारने की योजना

नामीबिया की सरकार ने अपने लोगों को मांस उपलब्ध कराने के लिए 723 जानवरों को मारने की योजना बनाई है, जिनमें 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंस, 50 इम्पाला, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, 300 जेबरा, 83 हाथी और 100 एलैंड्स शामिल हैं। अब तक 150 से अधिक जानवर मारे जा चुके हैं, जिनसे लगभग 63 टन मांस सूखा प्रभावित इलाकों में भेजा गया है। नामीबिया के वन, पर्यावरण एवं पर्यटन मंत्रालय ने 26 अगस्त को जारी बयान में कहा, "हमारे लिए यह कदम आवश्यक है और हमारे संविधान के अनुरूप है। यहां के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नामीबियाई नागरिकों के लाभ के लिए किया जाता है।"

सूखे का कारण और प्रभाव

नामीबिया सूखाग्रस्त दक्षिणी अफ्रीका में स्थित है और अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है। 2013, 2016 और 2019 में भयंकर सूखे के बाद, इस बार का सूखा देशव्यापी और विनाशकारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह सूखा मुख्य रूप से अल नीनो वेदर पैटर्न के कारण है, जिसने क्षेत्र में तापमान को औसत से अधिक बढ़ा दिया और बारिश को कम कर दिया। इसने मिट्टी में नमी समाप्त कर दी और पेड़-पौधे सूख गए, जिससे जानवरों और लोगों के लिए भोजन और पानी की कमी हो गई।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, नामीबिया में मक्का जैसी मुख्य फसलें नष्ट हो गई हैं, और पानी व भोजन के संकट के कारण बड़ी संख्या में मवेशी मर चुके हैं। खाद्य भंडार का गंभीर संकट है और महंगाई ने बड़ी संख्या में लोगों की भोजन तक पहुंच को और कठिन बना दिया है।

जानवरों की हत्या का उद्देश्य

नामीबिया की सरकार का यह कदम केवल भूख मिटाने के लिए नहीं, बल्कि सूखे के कारण भोजन और पानी की कमी से जंगली जानवरों के पलायन और मानव आबादी के साथ उनके संघर्ष की आशंका को कम करने के लिए भी है। देश में 24,000 हाथियों सहित जंगली जानवरों की बड़ी संख्या है, और सरकार का मानना है कि कुछ जानवरों को मारने से वाइल्डलाइफ पर सूखे का प्रभाव कम होगा।

हालांकि, इस फैसले ने संरक्षणवादियों और वन्यजीव प्रेमियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। नामीबिया में जिन जानवरों का शिकार करना वर्जित नहीं है, उनमें जेबरा, ब्लू वाइल्डबीस्ट और इम्पाला भी शामिल हैं, जो आमतौर पर इस क्षेत्र के लोग भोजन के रूप में उपयोग करते हैं।

निष्कर्ष

नामीबिया की यह स्थिति जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव का स्पष्ट संकेत है, जो दुनिया के कई हिस्सों में सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति में वृद्धि कर रहा है। ऐसे में नामीबिया जैसे देशों को अपने वन्यजीवों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ, अपने नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए भी कठिन फैसले लेने पड़ रहे हैं।

Also read this -

1.Khesari Lal Yadav Viral MMS Video:

2.Bharti Jha Viral MMS Video News

3.Shyna Khatri Web Series Viral MMS Video

4.Divya Ralhan Viral MMS Video News:

5.Kulhad Pizza Viral Video

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post